केंद्रीय वाणिज्य सचिव अनूप वधवा ने अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में श्रीलंका जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा कर पाने के लिए भारतीय चाय उद्योग को उचित मानदंडों का निर्वाह करने का सुझाव दिया।
श्री अनूप ने कहा,"उत्पादन पक्ष में कई मूलभूत चुनौतियाँ हैं, क्योंकि उत्पादन गिर रहा है। बागान जितने विकासक्षम होते थे, अब उतने नहीं रहे। अब ज़रूरत है कि हम अपने लिए नए मानक स्थापित करें, ताकि हम श्रीलंका जैसे देश से प्रतिस्पर्धा कर सकें।"
टी बोर्ड के उप-चेयरमैन अरुण कुमार रे ने कहा, "खपत रूकी हुई थी। बाज़ार में तेजी लाने की जरूरत है। इस बचाव के लिए हमारे पास निधि उपलब्ध है। अब उद्योग को कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि चाय उद्योग को नए बाज़ार तलाशने चाहिये। अच्छे दाम पाने के लिए हमें चाय की गुणवत्ता में भी सुधार करना होगा।"
आज़म मोनेम, चेयरमैन आईटीए ने कहा,"सरकार को एम्ईआईएस (मर्केंडाइज़ एक्सपोर्ट्स इंसेंटिव स्कीम) में पारितोषिक दर को 5 प्रतिशत से बढाकर 11 प्रतिशत और पारम्परिक सब्सिडी को 3 रूपये से बढाकर 20 रूपये प्रति किलो करना चाहिए|
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